गुजरात की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narernder Modi) की यात्रा का दूसरा दिन कई मायनों में अहम रहा। पीएम मोदी ने यहां रविवार को द्वारिका के पास अरब सागर में डुबकी लगाई। पीएम मोदी (PM Narernder Modi) द्वारिकाधीश के दर्शन के बाद नौसेना के जवानों के साथ गोमती घाट पर स्थित सुदामा सेतु पारकर पंचकुई बीच इलाके पहुंचे थे। वहां से करीब 2 नॉटिकल मील दूर समुद्र में गोता लगाने के लिए गए।
द्वारिका को धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है, लेकिन अब यह शहर पर्यटन के क्षेत्र में भी प्रसिद्ध हो रहा है। ऐसे में द्वारका के तट पर स्कूबा डाइव भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। पीएम मोदी (PM Narernder Modi) ने ये तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, ‘पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।
प्रधानमंत्री मोदी (PM Narernder Modi) ने इससे पहले इस साल की शुरुआत में 5 जनवरी को लक्षद्वीप में भी समुद्र में डुबकी लगाई थी। हालांकि तब उन्होंने स्नॉर्कलिंग की थी, जबकि इस बार उन्होंने स्कूबा सूट पहनकर गोता लगाया।
To pray in the city of Dwarka, which is immersed in the waters, was a very divine experience. I felt connected to an ancient era of spiritual grandeur and timeless devotion. May Bhagwan Shri Krishna bless us all. pic.twitter.com/yUO9DJnYWo
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2024
स्नॉर्कलिंग में जहां खास मास्क लगाकर समुद्र की सतह पर ही तैराकी की जाती है, जबकि स्कूबा डाइविंग में ऑक्सिजन सिलेंडर के साथ खास किस्म का सूट पहनकर समंदर की गहराइयों में गोता लगाया जाता है।
पीएम मोदी (PM Narernder Modi) ने इससे पहले यहां बेयट द्वारका मंदिर में पूजा अर्चना के साथ दिन की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने ओखा को बेयट द्वारका द्वीप से जोड़ने वाले ‘सुदर्शन सेतु’ का अनावरण किया। करीब 980 करोड़ रुपये की लागत से बना 2.32 किलोमीटर लंबा यह देश का सबसे बड़ा केबल ब्रिज है।
इस पुल में सनातन धर्म की झलक दिखाई देती है, जिसके दोनों ओर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक पैदलपथ है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस पुल के बीच में 900 मीटर लंबा केबल आधारित हिस्सा है और पुल तक पहुंचने के लिए 2.45 किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग है।
इस पुल को पहले ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था। हालांकि बाद में इसका नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ कर दिया गया है। इस चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े पुल के दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े पैदलपथ हैं।