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रामलला का पहला सूर्य तिलक : 3 मिनट तक माथे पर पड़ीं नीली किरणें, जानें कैसे हुआ

अयोध्या में रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से रामलला का अयोध्या के राम मंदिर में सूर्य तिलक हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह पहला सूर्य तिलक है। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का सूर्य तिलक किया गया और मस्तक पर 3 मिनट तक नीली किरणें पड़ीं। सूर्य की किरणों ने रामलला के माथे पर 75 मिमी का तिलक बनाया।

 

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सूर्य की गति के आधार पर समय की गणना करने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) रूड़की के वैज्ञानिकों से सहयोग लिया है। सीबीआरआई (CBRI) द्वारा ऑप्टोमैकेनिकल प्रणाली लगाई गई है। इसमें दर्पणों और लेंसों के सेट लगाए गए हैं। इससे सूर्य की रोशनी को परावर्तित कर मंदिर के अंदर लाया गया।

सूर्य की किरणें सबसे पहले मंदिर की ऊपरी मंजिल पर लगे एक दर्पण पर पड़ीं। इसके बाद इसे दूसरी मंजिल पर लगे दूसरे दर्पण की ओर परावर्तित किया गया। गर्भगृह में पहुंचाने से पहले सूर्य की किरणों को तीन लेंसों से गुजारा गया। इसके बाद उसे दर्पण की मदद से भगवान श्री राम के ललाट पर डाला गया।

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पीएम मोदी ने दिया था सूर्य तिलक का सुझाव

इस अनूठे अनुष्ठान की प्रेरणा 23 अक्टूबर 2022 को दीपोत्सव समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अयोध्या यात्रा के दौरान मिली थी। पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण इस तरह से किया जाना चाहिए कि राम नवमी पर राम लला की मूर्ति पर सीधी धूप पड़े। ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर में ऐसा देखा गया था।

राम नवमी के अवसर पर राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला का दिव्य अभिषेक किया गया। इस दौरान चंदन, दूध और अन्य चीजों से रामलला का अभिषेक किया गया।

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