महाशिवरात्रिः इस शिव मंदिर का इतिहास लगभग 500 साल पुराना, यहां स्वयं प्रकट हुए थे भोलेनाथ

Maha Shivratri 2024 : आज महाशिवरात्रि को लेकर सुबह से ही देश भर के शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। ऐसे में हम बात करते हैं हरियाणा के पंचकुला में स्थित सकेतड़ी शिव मंदिर है की। यह शिव मंदिर सकेतड़ी के एक गाँव में स्थित है जो भारत के केन्द्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ की सुखना झील के नज़दीक शिवालिक की रमणीक पहाड़ियों की तलहटी में बसा हुआ है। यह गाँव भारत के हरियाणा राज्य के पंचकुला जिले में पड़ता है।

 

यहां स्वयं प्रकट हुए थे भोलेनाथ

आपको बता दें कि प्राचीन ऐतिहासिक शिव मंदिर पंचकूला में स्थित माता मनसा देवी मंदिर से सिर्फ 5 किमी की दूरी पर है और चंडीगढ़ शहर (City Beautiful) से लगभग 20 किमी दूर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 500 वर्षों से विद्यमान है और इस मंदिर में भगवान शिव की मुख्य मूर्ति है। कहा जाता है यहां स्वयं भोलेनाथ प्रकट हुए थे। इसके बाद भोलेनाथ यहां पिंडी के रूप में स्थापित हो गए थे।

क्या है मंदिर का इतिहास

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सकेतड़ी(Saketri) में महाभारत(Mahabharat)काल के दौरान पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां तपस्या की थी। उनकी पूजा अर्चना से प्रसन्न होकर भोलेनाथ शिव ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए थे। पांडवों के जाने के बाद यह जगह ऋषि मुनियों की तपस्थली बन गई। भगवान भोलेनाथ शिव को प्रसन्न करने के लिए यहाँ कई लोगों ने तपस्या भी की। कहा जाता है यहाँ पहले जंगल हुआ करता था। बात में यहाँ भगवान शिव का मंदिर बनाया गया। आज भी इस मंदिर में ऋषि मुनि के तप का प्रभाव नजर आता है। ऐसी मान्यता है कि यहां महाशिवरात्रि के दिन आने वाले भक्तों की मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। यह मंदिर करीब 500 वर्षों से विद्यमान है।

 

महाशिवरात्रि के अवसर पर पंचकूला के गांव सकेतड़ी स्थित शिव मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ शिव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। बता दें, इस प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर में पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान तक से श्रद्धालु आते हैं,और भोलेनाथ के शिवलिंग पर दूध, जल, फल, बेल पत्ते आदि चढ़ाते है।

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