कॉन्स्टेबल ने पत्नी के इलाज के लिए मांगी छुट्टी तो तो SO ने डांटकर भगाया, पत्नी की मौत! – Ballia Police Constable

संजय कुमार तिवारी/बलिया : उत्तर प्रदेश के बलिया में पुलिस कॉन्स्टेबल की पत्नी की समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई। सिकंदरपुर थाने में  तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल प्रदीप सोनकर पिछले कई दिनों से थानाध्यक्ष से पत्नी के इलाज कराने के लिए छुट्टी की मांग रहा था,  कंस्टेबल प्रदीप सोनकर ने थानाध्यक्ष को छुट्टी के लिए 27 जुलाई को एक प्रार्थना प्रत्र भी दिया था। वजह थी, पत्नी की तबीयत खराब होना। लेकिन थानाध्यक्ष ने कांस्टेबल को छुट्टी नहीं दी, जिस कारण उसकी पत्नी का इलाज नहीं हो पाया और मौत हो गई। पुलिस कंस्टेबल प्रदीप सोनकर मुलरूप से प्रतापगढ़ का रहने वाला है। कांस्टेबल ने इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर से की, जिसका एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं, घटना पर संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए हैं।

थानाध्यक्ष दिनेश पाठक ने कांस्टेबल को डांटकर भगाया
कांस्टेबल प्रदीप सोनकर ने आरोप लगाया कि उसने थानाध्यक्ष दिनेश पाठक को छुट्टी के लिए 27 जुलाई को प्रार्थना पत्र दिया था। प्रार्थना पत्र देखते ही थानाध्यक्ष ने छुट्टी देने की जगह उसे डांटकर भगा दिया। इसके बाद कांस्टेबल प्रदीप साथी हेड मुंशी से डाक लेकर थाने से लखनऊ के लिए निकल गया। इसी बीच रास्ते में ही प्रदीप को फोन आया कि उसकी पत्नी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। पत्नी की तबीयत खराब होने की सूचना मिलते ही वह घर के लिए गया, लेकिन घर पहुंचने से पहले पत्नी की मौत हो गई।

पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने दिए जांच के आदेश
कांस्टेबल प्रदीप सोनकर ने पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर से थानाध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। वहीं इस मामले में पुलिस अधीक्षक का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से चिट्ठी मिली है, जिसको देखते हुए सीओ सिकंदरपुर को मामले की जांच सौंपी गई है। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

सिकंदरपुर थाना के इंस्पेक्टर दिनेश चंद पाठक के निलंबन की मांग
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने यूपी के डीजीपी को पत्र भेजकर इंस्पेक्टर सिकंदरपुर के निलंबन की मांग। उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर सिकंदरपुर द्वारा सिपाही प्रदीप सोनकर के पत्नी के बीमार होने के बाद भी उन्हें छुट्टी नहीं देने और उल्टे अभद्रता करने का मामला अत्यंत गंभीर है। इस प्रकरण में उन्हें तत्काल निलंबित कर उनके विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्रवाई किया जाना अनिवार्य है।

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