वर्ल्ड ऑटिज्म जागरूकता डे पर बच्चों से रूबरू हुए एक्सपर्ट

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस हर साल 2 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दिवस ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद करने की आवश्यकता पर जोर देता है। यह ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों के लिए अन्य लोगों के साथ समान आधार पर सभी मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों की पूर्ण प्राप्ति को भी बढ़ावा देता है।

 

 

विश्व ऑटिज्म दिवस, ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के संबंध में समाज में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करता है।

 

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस पर मोहाली एनडी केयर सेंटर की इंचार्ज डॉक्टर रुची बंसल के बताया की ऑटिज्म से पीड़ित बच्चो के मुख्या लक्ष्ण है,जैसे बोलने में देरी,बोलने में दिक्कत होना,सोसायटी में बाकी बच्चों से अलग अलग रहना,किसी के साथ कोर्डिनेट नहीं कर पाना,एक ही काम और एक ही बात को बार बार दोहारते रहना इसके लक्ष्ण है।अगर सही समय पर इसका सही इलाज किया जाए तो बच्चा सामान्य बच्चों की तरह एक ज़िंदगी जी सकता है।

आयुर्वेदिक मेडिसिन के साथ थेरेपी लाभकारी हैं और इस से बच्चों में स्पीच,हाइपर एक्टिविटी और बिहेवियर में जल्दी ही सुधार हो जाता है ।

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